عرض المشاركات من أبريل, ٢٠٢١
नारी शिक्षा की आवश्यकता दुनिया की प्रगति नारी शिक्षा के बल पर चरम सीमा तक पहुंच चुकी है। प्राचीन कूप-मडूकता के कारण नारी का जीवन अधिकांशतः भांति-भांति के संघर्षों में ही बीता है। शिक्षा के कारण पारिवारिक जीवन स्वर्गमय हो सकता है …
माननीय अध्यक्ष महोदय , गुरुजनों और मेरे प्रिय साथियों! मेरे लिए आज अति प्रसन्नता और गर्व का अवसर है कि मुझे आपके सामने सत्संगति के महत्व जैसे महत्वपूर्ण विषय पर अपने विचार अभिव्यक्त करने का अवसर मिल रहा है। आशा है कि आप मेरे व…
एक राजा धन का बहुत लोभी था। उसे न तो अपनी प्रजा की चिंता थी और न ही किसी और बात की। रात-दिन धन के लिए चिंतित रहता था। उसके पास धन की कमी नहीं थी। उसका खज़ाना स्वर्ण मुद्राओं से भरा हुआ था। एक दिन राजा अपने खजाने में बैठा स्वर्ण …
एक जंगल में तोतों का झुंड रहता था। सब प्रातः ही अपने घौंसलो से निकलते, दाना चुगते और शाम को मस्ती के साथ बातें करते हुए वापिस घरों में लौट आते। उनमें एक तोता लालची था और अपने मां-बाप की बात भी न सुनता था। एक बार इस तोते ने समुद्र…
माननीय अध्यक्ष महोदय, गुरुजनों और मेरे प्रिय साथियों! भारतीय संस्कृति में मानव जीवन को चार आश्रमों में विभक्त किया गया है - ब्रह्मचर्य आश्रम, गृहस्थ आश्रम, संन्यास आश्रम और वानप्रस्थ आश्रम। इसमें ब्रह्मचर्य आश्रम विद्यार्थी जीवन …
प्रस्तावना महंगाई वास्तव में भारत की अन्य समस्याओं की तुलना में जनता की कमर तोड़ने वाली सर्वाधिक बड़ी समस्या है। यह एक दानव के समान है जो, सबको प्रताड़ित करते हुए दिखाई देता है। लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। इस महंगाई ने संपूर्ण …
प्रस्तावना भारत एक कृषि प्रधान देश है क्योंकि कृषि जहां का मुख्य व्यवसाय है इसलिए भारत के अनेक उद्योग-धंधे कृषि पर निर्भर है। यहां के 80% लोग खेती करते हैं। इस प्रकार कृषक वर्ग इस देश की अर्थव्यवस्था एवं भारतीय जनता की सुख-समृद्ध…
प्रस्तावना संसार में ज्ञान अमूल्य वस्तु है। भारत में प्राचीन काल से ही ज्ञान को विद्या भी कहा गया है। गीता में कृष्ण ने भी ज्ञान को ही सबसे अधिक पवित्र कहा है। अतः ज्ञानी पुरुष को ही श्रेष्ठ माना गया है। पुराने ऋषि-मुनि ज्ञानी ही…