प्रस्तावना
भारत एक कृषि प्रधान देश है क्योंकि कृषि जहां का मुख्य व्यवसाय है इसलिए भारत के अनेक उद्योग-धंधे कृषि पर निर्भर है। यहां के 80% लोग खेती करते हैं। इस प्रकार कृषक वर्ग इस देश की अर्थव्यवस्था एवं भारतीय जनता की सुख-समृद्धि का मूलाधार है। भारतीय कृषक इस देश की जनता के अन्नदाता और पालनकर्ता है। अन्य देशों की अपेक्षा भारत में किसान का अधिक महत्व है।
कृषक की दयनीय दशा
भारत में किसान की दशा अत्यंत शोचनीय है। वह प्रात काल उठकर अपने हल बैलो को साथ लेकर खेत में पहुंच जाता है। उसका खाना-पीना, नहाना-धोना, और विश्राम वही खेत पर होता है। उषा की लाली से लेकर संध्या के बाद के अंधेरे तक वह कठोर परिश्रम करता है।
रात्रि के गहन अंधकार में जबकि सब लोग सुख ही नींद सोते हैं, तब वह अपने खेतों को पानी देता है। वह कभी हल चलाता है, कभी बीज बोता है, कभी पानी से सींचता है, कभी फ़सल काटता है यही है उसकी दिनचर्या। उसके छोटे-छोटे बच्चे उसके हाथ बंटाते हैं, फटे वस्त्र पहनकर उसकी पत्नी उसके साथ काम करती है।
यह ग्राम-तपस्वी सदियों से अपना निरीह जीवन जीता चला आ रहा है। देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करता हुआ भी वह स्वयं निर्धनता और अभाव के वातावरण में सांस लेता आ रहा है।
संसार का अन्नदाता होने पर भी यह देहाती और गंवार कहा जाता है। अशिक्षा उसके आंगन में खेलती है और उसके बच्चे स्कूल न जाकर खेती के काम में उसका हाथ बंटाते हैं। वह प्राचीन रूढ़ियों, अंधविश्वासों एवं हानिकारक परंपराओं से बंधकर नारकीय जीवन बिता रहा है।
सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयत्न
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात सरकार ने ग्रामिणों और कृषकों की दशा सुधारने के अनेक कदम उठाए। उन्हें जोतने के लिए जमीन दी गई। उन्हें ऋण मुक्त किया गया, महाजनों के शोषण से बचाने के लिए कृषि-बैंकों से कम ब्याज पर ऋण दिए गए।
शिक्षा के प्रसार के लिए स्थान-स्थान पर विश्वविद्यालय एवं प्रौढ़ शिक्षा केंद्र खोले गए। रेडियो एवं दूरदर्शन पर कृषि कार्यक्रमों एवं गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। ग्रामों को रेलमार्गों और सड़कों से जोड़ा जा रहा है। प्रत्येक गांव में बिजली पहुंचाई जा रही है।
किसानों का अनाज खरीदने के लिए सरकारी क्रय केंद्र खोले गए हैं। ग्राम-पंचायतों की स्थापना करके उन्हें उचित न्याय दिलाया जा रहा है। सरकार के ये सभी प्रयास किसानों के मंगलमय जीवन की आशा के केंद्र हैं।
उपसंहार
देश की प्रगति एवं विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला भारतीय किसान अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार स्तम्भ है। उसकी मेहनतकश जिंदगी को सारा देश नमन करता है। सच कहा जाए तो भारतीय किसान एक महान किसान है, महान इंसान है।